नगरीय अभिवृद्धि केन्द्रों का क्षेत्रीय विकास और पर्यावरण प्रदूषण
Author(s): रविता रानी
Abstract: पृथ्वी के धरातल और उसकी सभी प्राकृतिक दशाएंे - प्राकृतिक संसाधन, भूमि, जल, पर्वत, मैदान, खनिज, पेड़-पौधे, जीव-जन्तु एवं सम्पूर्ण प्राकृतिक शक्तियाँ मनुष्य जीवन को प्रभावित करती है। इन सभी भौगोलिक पर्यावरण के अन्र्तगत सम्मिलित की जाती हैं। प्रस्तुत शोध पत्र में नगरीय अभिवृद्धि केन्द्रों का क्षेत्रीय विकास एवं पर्यावरण प्रदूषण का अध्ययन किया गया है। यहां मुख्य रूप से नगरीय अभिवृद्धि केन्द्रों का क्षेत्रीय विकास के परिणामस्वरूप हुए प्राकृतिक पर्यावरण व सांस्कृतिक पर्यावरण प्रदूषण के प्रभावों का हनुमानगढ़ जिले के संदर्भ में गहन अध्ययन किया गया है। अध्ययन क्षेत्र के रूप में हनुमानगढ़ जिले को चुना गया है। प्रशासनिक दृष्टि से अध्ययन क्षेत्र सात उपखण्डों एवं सात ही तहसीलों में विभक्त है। जिले में कस्बों एवं गाँवों की कुल संख्या क्रमशः 6 व 1905 है।
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रविता रानी. नगरीय अभिवृद्धि केन्द्रों का क्षेत्रीय विकास और पर्यावरण प्रदूषण. Int J Geogr Geol Environ 2019;1(1):91-94.