"International Journal of Geography, Geology and Environment"
2021, Vol. 3, Issue 1, Part A
जयपुर जिले में जल स्वावलम्बन अभियान के तहत जल संरक्षण की विधियों पर प्रभाव का अध्ययन
Author(s): विक्रम सिंह
Abstract: जलीय स्त्रोतों के माध्यम से भी सतत् विकास की संकल्पना को जीवित किया जा सकता है। जिसमें प्रत्येक वस्तु का निरन्तर तथा बिना रूके विकास संभव हो सकता है। जल स्वावलम्बन अभियान के तहत उपलब्ध जलीय संरचनाओं को नवीन आकार दिया जा सकता है। जिसके बदले आमजन अपना सहयोग कर सकता है तथा अपनी भागीदारी से कार्य में अपना वर्चस्व कायम कर सकता है। भारत सरकार द्वारा संचालित जल स्वावलम्बन कार्यक्रम ने लोगों की सामाजिक और आर्थिक स्थिति को भी मजबूती प्रदान की है। जिसके तहत लोगों ने विकास की प्रक्रिया में हिस्सेदारी की है। इस अभियान के अन्तर्गत चयनित गांवों में पारम्परिक जल संरक्षण के तरीकों जैसे तालाब, बावड़ियाँ और टांके इत्यादि का मरम्मत कार्य एवं नई तकनीक से एनीकट टांका, मेड़बन्दी इत्यादि का निर्माण कार्य किया है। जल स्वावलम्बन अभियान में जलीय स्त्रोतों को ठीक करके निरन्तर गिरते जलस्तर को ऊपर उठाना तथा वर्तमान जलस्तर को बनाए रखना है। जल प्रबन्धन के बेहतरीन तरीके भी बताए जाते हैं, जिससे व्यर्थ गया पानी पुनः उपचारित करके उपयोग के लायक बनाया जा सके।
Pages: 53-56 | Views: 518 | Downloads: 107Download Full Article: Click Here
How to cite this article:
विक्रम सिंह. जयपुर जिले में जल स्वावलम्बन अभियान के तहत जल संरक्षण की विधियों पर प्रभाव का अध्ययन. Int J Geogr Geol Environ 2021;3(1):53-56.