महराजगंज जनपद (उ0प्र0) में अकृष्य भूमि का वितरण प्रतिरूप
Author(s): डॉ. शेषमणि विश्वकर्मा
Abstract: महराजगंज जनपद उत्तर प्रदेश के तराई भाग में नेपाल से सटे स्थित है। अध्ययन क्षेत्र एक कृषि प्रधान क्षेत्र है, जहाँ वृहद् स्तर पर गेहूँ, धान एवं गन्ना की खेती की जाती है। विगत कुछ वर्षों से अध्ययन क्षेत्र में शुद्ध कृषिगत भूमि में हा्रस हुयी है, जिसका प्रमुख कारण अकृष्य भूमि में वृद्धि होना है। अकृष्य भूमि वह भूमि होती है, जहाँ कृषक चाह करके भी खेती नही कर सकता है। अधिवास, सड़क, जलाशय, नहर, आदि अकृष्य भूमि के अन्तर्गत आते हैं। अकृष्य भूमि में वृद्धि होने का प्रमुख कारण- तीव्र गती से बढ़ती जनसंख्या, नगरीकरण, औद्योगिकरण आदि का होना है। मकान, सड़क, ईट्ट-भट्ठा, स्कूल, अस्पताल आदि के निर्माण से क्षेत्र में कृषिगत भूमि में हा्रस एवं अकृष्य भूमि में वृद्धि हुयी हैं। अकृष्य भूमि में वृद्धि का सीधा सम्बन्ध विकासात्मक कार्यों से होता है। अध्ययन क्षेत्र में नगरीकरण का स्तर बहुत कम है, जैसे-जैसे नगरीकरण में वृद्धि होती जायेगीं, अकृष्य भूमि बढ़ती जायेगी।
Pages: 155-157 | Views: 278 | Downloads: 21Download Full Article: Click HereHow to cite this article:
डॉ. शेषमणि विश्वकर्मा. महराजगंज जनपद (उ0प्र0) में अकृष्य भूमि का वितरण प्रतिरूप. Int J Geogr Geol Environ 2021;3(2):155-157.