राजस्थान में अक्षय ऊर्जा: क्षमता, स्थिति, लक्ष्य और चुनौतियां
Author(s): महिपाल सिंह कस्वां
Abstract: भारत एक विशाल आबादी (130 करोड़) वाला देश है । भारत दुनिया की सबसे बड़ी और तीव्र गति से वृद्धि करने वाली अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। इसलिए, ऊर्जा की अतिआवश्यक व अनिवार्य मांग है। अभी तक कोयला ऊर्जा का मुख्य स्रोत है। जो जैवीय इंधन व सीमित मात्रा में ही उपलब्ध है, साथ ही कोयले का उपयोग पर्यावरण के लिए हानिकारक भी है। इसलिए, ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोत को खोजना महत्वपूर्ण और आवश्यक हो गया है। यह अप्रत्यक्ष रूप से हमें अक्षय ऊर्जा स्रोत पर ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रेरित करता है, जो प्रदुषण रहित व निरंतर व असीमित मात्रा में उपलब्ध हैं साथ ही पर्यावरण को कोई नुकसानदायक भी नही हैं। राष्ट्रीय अक्षय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) ने घरेलू और वाणिज्यिक क्षेत्र को अक्षय ऊर्जा स्रोतों का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं। भारत में राजस्थान राज्य अक्षय ऊर्जा स्रोतों जैसे सौर, पवन और बायोमास आदि से विद्युत उत्पादन के उत्पादन में 5 वें स्थान पर है। इसलिए इस शोध पत्र में राजस्थान में अक्षय ऊर्जा के माध्यम से विद्युत ऊर्जा उत्पादन की क्षमता और अवसरों पर चर्चा की गयी है।
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महिपाल सिंह कस्वां. राजस्थान में अक्षय ऊर्जा: क्षमता, स्थिति, लक्ष्य और चुनौतियां. Int J Geogr Geol Environ 2022;4(1):161-167.