झुंझुनू जिले की नवलगढ़ तहसील में पर्यावरण प्रबंधन के लिए जलग्रहण विकास कार्यक्रम के तहत पारिस्थितिकीय पुनर्विकास का भौगोलिक अध्ययन
Author(s): डॉ. राजबाला साईवाल, वरूण कुमार
Abstract: पर्यावरण में वे सभी तत्व शामिल होती हैं, जो मानव को किसी स्थान तथा समय पर चारों ओर से घेरे रहते हैं। यह सम्पूर्ण वातावरण है, जिसमें सभी जीव निवास करते हैं। पर्यावरण जैव और अजैव दो प्रकार के तत्वों से मिलकर बना है। सामान्य शब्दों में पर्यावरण भौतिक, सामाजिक तथा जैविक तत्वों का समग्र रूप है जो मानवीय तथा प्राकृतिक तत्वों से घेरे हुए है। विभिन्न मानवीय गतिविधियों से पर्यावरण को नुकसान पहुँच रहा है। मानव अपनी आवष्यकताओं की पूर्ति करने के लिए अवांछनीय कार्य करता है, जिससे पर्यावरण प्रदूषित हो जाता है। जिसे रोकने के लिए पर्यावरण प्रबंधन आवष्यक हो जाता है। पर्यावरण प्रबंधन के लिए पारिस्थितिकी का पुनर्विकास महत्वपूर्ण है। जिसके अन्तर्गत क्षेत्रीय व अनुकूल पादपों एवं जीवों का पुनर्विकास किया जाता है ताकि पर्यावरण प्रबंधन पर विषेष जोर दिया जा सके। अध्ययन क्षेत्र में बढ़ते हुए जनसंख्या दबाव, औद्योगिकीकरण और नगरीकरण के कारण भूमि उपयोग भी बदला है, फलतः कृषि योग्य भूमि कम हुई है, प्राकृतिक संसाधन घट रहे हैं एवं पारिस्थितिकी असंतुलन की स्थिति उत्पन्न हो रही है, जिसके लिए पर्यावरण प्रबंधन अत्यावष्यक है। अध्ययन क्षेत्र में पर्यावरण प्रबंधन हेतु जलग्रहण विकास कार्यक्रम के तहत पारिस्थितिकी के पुनर्विकास के लिए सरकार एवं लोगों द्वारा विभिन्न स्तरों पर अनेक कार्य किए जा रहे हैं। जिसके तहत स्थानीय एवं वातावरण के अनुकूल पेड़-पौधों व जीव-जन्तुओं का विकास किया जा रहा है।
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How to cite this article:
डॉ. राजबाला साईवाल, वरूण कुमार. झुंझुनू जिले की नवलगढ़ तहसील में पर्यावरण प्रबंधन के लिए जलग्रहण विकास कार्यक्रम के तहत पारिस्थितिकीय पुनर्विकास का भौगोलिक अध्ययन. Int J Geogr Geol Environ 2022;4(1):174-177.