अलकनंदा बेसिन (उत्तराखंड) मे कृषि विकास द्वारा सतत् जीविकोपार्जन एवं भूमि प्रबंधन
Author(s): ज्ञानेन्द्र कुमार त्रिपाठी, डाॅ. अनुपम पाण्डेय
Abstract: उच्च ढलान, आंशिक भंगुरता तथा कृषि योग्य भूमि से कम उत्पादकता के कारण हिमालयी प्रदेश मे भूमि प्रबंधन एक ज्वलंत मुद्दा बना हुया है। इस शोध प्रपत्र का मुख्य उद्देश्य अलकनंदा बेसिन मे भूमि प्रबंधन एवं जीविकोपार्जन स्थिरता को कृषिगत विकास के माध्यम से जांच करना है। इस अध्ययन को पूर्ण करने के लिए गुणात्मक और मात्रात्मक दोनों तरह के आकड़ो (प्राथमिक एवं द्वितीयक) के एक सेट इस्तेमाल किया गया है और आकड़ो को एकत्र किया गया है। अध्ययन क्षेत्र के कुल भौगोलिक क्षेत्र में से 61ः भूमि वनाच्छादित है, 13ः भूमि कृषि योग्य और शेष लगभग 26ः अन्य भूमि उपयोग की श्रेणी में आते है। लगभग 70ः आबादी के लिए फसलें ही मुख्य आजीविका का विकल्प हैं जबकि पारंपरिक रूप से उत्पादित फसल आवश्यकता से बहुत कम है। अलकनंदा बेसिन में कृषि के अंतर्गत बागाती कृषि विकास के लिए जलवायु परिस्थितियां बहुत ही उपयुक्त हैं। यह अध्ययन दर्शाता है कि कृषि विकास आजीविका स्थिरता को पुर्नस्थापित करेगा।
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ज्ञानेन्द्र कुमार त्रिपाठी, डाॅ. अनुपम पाण्डेय. अलकनंदा बेसिन (उत्तराखंड) मे कृषि विकास द्वारा सतत् जीविकोपार्जन एवं भूमि प्रबंधन. Int J Geogr Geol Environ 2022;4(2):152-155.