सीकर जिले के कृषि भूमि उपयोग पर जनसंख्या गत्यात्मकता के प्रभाव का भौगोलिक अध्ययन
Author(s): सीमा श्रीवास्तव, मनीषा
Abstract: जनसंख्या गत्यात्मकता का कृषि भूमि उपयोग पर अत्यधिक प्रभाव पड़ता है, क्योंकि किसी भी क्षेत्र में प्राकृतिक संसाधनों की उपलब्धता निष्चित होती है जो कि एक सीमित जनसंख्या को पोषण उपलब्ध करवाने में सक्षम होती है। लेकिन जैसे-जैसे प्राकृतिक भू-दृष्य पर लोगों की संख्या में वृद्धि होती जाती है, तो संसाधनों के उपयोग में भी वृद्धि होती है एवं क्षेत्र का स्वरूप परिवर्तित होने लगता है, सर्वप्रथम परिवर्तन भूमि उपयोग में दृष्टिगत होता है। प्राकृतिक भू-दृष्य में धीरे-धीरे सांस्कृतिक परिवेष स्थान लेने लगता है, आवासीय क्षेत्र का विकास होने लगता है, विभिन्न सामाजिक गतिविधियों में वृद्धि होती है, परिवहन जाल का तीव्र गति से विकास होने लगता है, विभिन्न आर्थिक गतिविधियाँ संचालित होने लगती हैं। प्रारम्भ में जब तक जनसंख्या सीमित रहती है तो कृषि योग्य भूमि का विकास होता है, नवीन तकनीक के माध्यम से उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि के अनेक प्रयास किए जाते हैं, लेकिन जैसे-जैसे जनसंख्या वृद्धि अधिक होने लगती है, तो कृषि योग्य भूमि का उपयोग अन्य गैर-कृषिगत कार्यों में किया जाने लगता है, जैसे आवास, वाणिज्य, व्यवसाय, मनोरंजन एवं अन्य जनसुविधाओं के विकास में भूमि का उपयोग किया जाने लगता है। कृषि भूमि उपयोग में आधुनिकीकरण के तहत कृषि भूमि उपयोग में परिवर्तन, नई तकनीक, मशीनीकरण, रासानिक खाद, नई किस्म के उन्नत बीज, विभिन्न कीटनाशक दवाईयाँ, उन्नत सिंचाई, कीट प्रतिरोधी फसलें, जीवाणु खाद, उचित विपणन आदि का कृषि में उपयोग है जिससे कृषि उत्पादन में वृद्धि होती है। किसान जीवन निर्वहन, कृषि से ऊपर उठकर व्यापारिक कृषि की ओर बढ़ने लगे हैं, जिससे उनकी सम्पन्नता भी बढ़ी है। कृषि भूमि उपयोग में आधुनिकीकरण के लिए कृषि भूमि उपयोग में परिवर्तन का अत्यधिक महत्व रहा है, क्योंकि कृषि योग्य भूमि पर विभिन्न गैर-कृषिगत कार्यों संबंधी गतिविधियाँ संचालित होने लगी हैं, साथ ही कृषि अयोग्य भूमि को कृषि योग्य भूमि में परिवर्तित किया जा रहा है।
DOI: 10.22271/27067483.2023.v5.i1a.186Pages: 85-90 | Views: 417 | Downloads: 146Download Full Article: Click Here
How to cite this article:
सीमा श्रीवास्तव, मनीषा.
सीकर जिले के कृषि भूमि उपयोग पर जनसंख्या गत्यात्मकता के प्रभाव का भौगोलिक अध्ययन. Int J Geogr Geol Environ 2023;5(1):85-90. DOI:
10.22271/27067483.2023.v5.i1a.186