"International Journal of Geography, Geology and Environment"
2024, Vol. 6, Issue 1, Part E
हिमालयी क्षेत्र में वैश्विक तापन को अधिक प्रभावकारित बनाने वाले प्रतिकूल मानवजनित गतिविधियाॅ
Author(s): DS Parihar
Abstract: जनपद पिथौरागढ़ उत्तराखण्ड राज्य के पूर्वी भाग में कुमाऊॅ हिमालय के महान व मध्य पर्वतमालाओं में उपोष्ण कटिबंधीय जलवायु से बर्फ के ढके पर्वतों के मध्य विभिन्नतायें लिये हुये फैला है। पिथौरागढ़ जनपद के ऊॅचाई वाले भागों में विशाल अल्पाइन और उप-अल्पाइन क्षेत्र शामिल है जिन्हें स्थानीय निवासियों द्वारा बुग्याल कहा जाता है, तथा स्थानीय लोग औषधियों व अन्य बेस कीमती जड़ी-बूटियों हेतु पूर्णतया निर्भर रहते है। जिस कारण यह क्षेत्र सीधे तौर पर प्रत्येक वर्ष दीर्घ मानवीय गतिविधियों से सम्बन्धत रखता है। साथ ही शहरों व कस्बों से सुदूरतम गाॅवों को कई नदी घाटियों व पहाड़ों का अति दोहन कर सड़कों के जाल द्वारा जोड़े जा रहे है। प्रस्तुत अध्ययन वर्तमान समय में जनपद पिथौरागढ़ के हिमालयी क्षेत्र में सक्रिय प्रमुख मानवीय गतिविधियाॅ जिनके द्वारा जलवायु परिवर्तन को बढ़ावा मिलता है तथा पर्यावरण का विदोहन होने पर आधरित है। अध्ययन क्षेत्र भ्रमण पर आधारित यह अध्ययन बताता है कि जनपद पिथौरागढ़ में मानवीय गतिविधियाॅ वर्तमान समय में घाटी क्षेत्र से अल्पाइन व उच्च हिमशिखरों तक अतितीव्रता के साथ बहुत बड़ी मात्रा में सक्रिय है जिनका विपरीत प्रभाव पर्यावरण के साथ-साथ जलवायु परिवर्तन के प्रभावगति के तेज होने पर देखा जा सकता है। मानवीय गतिविधियों में अनियोजित विकास कार्यक्रम, बेतरतीब सड़क निर्माणकार्य, जड़ी-बूटियों का अतिदोहन तथा प्लास्टिक बिखराव, जनसंख्या व आवासीय क्षेत्र का तीव्र विस्तार, अवशिष्ट का बिखराव करना मुख्य है, जिससेे आस-पास के क्षेत्र पर ऋणात्मक प्रभाव जैसे- भू-मलवे का प्रवाहमान होना, भू-स्खलन, चट्टान गिरना, भूमि तापमान में वृद्धि, चादरीय कटाव इत्यादि है। उपरोक्त मानवीय गतिविधियाॅ से ही अध्ययन क्षेत्र में प्राकृतिक कारकों से होने वाले प्रभाव को बढ़ावा मिलता है।
DS Parihar. हिमालयी क्षेत्र में वैश्विक तापन को अधिक प्रभावकारित बनाने वाले प्रतिकूल मानवजनित गतिविधियाॅ. Int J Geogr Geol Environ 2024;6(1):361-370. DOI: 10.22271/27067483.2024.v6.i1e.241