"International Journal of Geography, Geology and Environment"
2024, Vol. 6, Issue 2, Part C
राजस्थान में कृषिगत समस्याएँ और योजनाए
Author(s): पवन कुमार जग्रवाल
Abstract: राजस्थान एक कृषि प्रधान राज्य हैं यहाँ कि अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार कृषि ही हैं। राजस्थान कि अधिकांश जनसंख्या कृषि पर आधारित जीवन व्यतीत करती हैं क्योंकि लगभग तीन-चैथाई आबादी गावों में निवास करती हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में जीवकोपार्जन आज कृषि और पशुपालन के आधार पर ही होता हैं। वर्तमान समय में कृषि न केवल जीविका का आधार हैं बल्कि राजस्थान में औधोगिक विकास में भी कृषि की अहम् भूमिका हैं यहाॅ के अधिकतर उद्योगों का आधार कृषि ही हैं क्योंकि विभिन्न उद्योगों को मिलने वाला कच्च माल कृषि उत्पादांे से ही प्राप्त होता हैं। स्वतंत्रता प्राप्ती के समय राजस्थान में कृषि को लेकर अनेक प्रकार की समस्याएँ रही थी किन्तु वर्तमान समय में विभिन्न सरकारों के द्वारा कृषि के विकास को लेकर अनेक प्रकार के संसाधनों का विकास किया गया हैं। इसके साथ ही सरकारों कि योजनाएँ भी कृषि के विकास से सम्बन्धित होती हैं। इन योजनाओं के कारण ही निरन्तर इस दिशा में प्रगति देखी गई हैं । इसी का परिणाम हैं कि आज राजस्थान कृषि की दृष्टि से विभिन्न फसलों के उत्पादन को लेकर प्रथम स्थान पर रहा हैं। पूर्वी राजस्थान कृषि कि दृष्टि से अधिक उन्नत हैं क्योंकि पूर्वी राजस्थान भौगोलिक दृष्टि से पश्चिमी राजस्थान कि तुलना में अधिक श्रेयस्कर हैं। जहाँ पश्चिमी राजस्थान की भूमि रेतीली और अनुपजाऊ है वहीं पूर्वी राजस्थान की भूमी अधिक उपजाऊ हैं। भौगोलिक क्षेत्र के अतिरिक्त भी अनेक कृषिगत समस्याएँ हैं जिनके चलते कृषि के विस्तार में अनेक चुनौतियाँ हैं।
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How to cite this article:
पवन कुमार जग्रवाल. राजस्थान में कृषिगत समस्याएँ और योजनाए. Int J Geogr Geol Environ 2024;6(2):246-249.