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International Journal of Geography, Geology and Environment
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P-ISSN: 2706-7483, E-ISSN: 2706-7491

NAAS Rating: 4.5

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"International Journal of Geography, Geology and Environment"

2025, Vol. 7, Issue 7, Part A

पर्यटन तथा आजीविका विविधीकरणः नालंदा नगर पंचायत के संदर्भ में


Author(s): सुनीता कुमारी, अनुपम कुमार सिंह

Abstract: पर्यटन शब्द का सामान्य अर्थ है एक स्थान से दूसरे स्थान को जाना अर्थात् पर्यटकों की घूमने फिरने की क्रिया। अध्ययन क्षेत्र नालंदा नगर पंचायत एक विश्वस्तरीय पर्यटन केन्द्र का समागम स्थल है, अतः पर्यटन ने इस क्षेत्र को आजीविका के साधनों में भिन्नता लाने के कई अवसर दिए हैं। आजीविका विविधीकरण का तात्पर्य है “आजीविका के साधनों में भिन्नता लाना“। इसके द्वारा व्यक्ति की आर्थिक स्थिति विपरित समय में भी स्थिर रह सकती है तथा सामान्य रूप से जीवनयापन कर सकता है। पर्यटन के माध्यम से आजीविका के अन्य साधन उभर कर सामने आते हैं तथा कृषि पर आजीविका हेतु पूर्ण निर्भरता और कृषि पर पड़ रहा अतिरिक्त दबाव भी कम होता है। अध्ययन क्षेत्र एक कृषि प्रधान क्षेत्र है जहाँ गत वर्षों से वर्तमान तक चल रहे पर्यटन के विकास ने आजीविका विविधीकरण के माध्यम से स्थानीय निवासियों की कृषि पर निर्भरता को कम किया है। यह शोध-पत्र अध्ययन क्षेत्र में पर्यटन के कारण आजीविका विविधीकरण के अन्य साधनों में संभावनाओं की चर्चा करता है तथा यह भी बताने का प्रयास करता है कि पर्यटन क्षेत्र के विकास के द्वारा कृषि पर निर्भरता को और भी कम किया जा सकता है। बिहार सरकार ने इस संदर्भ में अनोखी पहल की है जिसके द्वारा पर्यटन क्षेत्र में आजीविका विविधीकरण को बढ़ावा मिलेगा तथा कृषि पर निर्भरता कम होगी। बिहार कैबिनेट की यह पहल है “मुख्यमंत्री होमस्टे बेड एंड ब्रेकफास्ट प्रोत्साहन योजना 2024“ जिसे अगस्त 2024 में मंजूरी दी गई है इसके द्वारा बिहार राज्य में आने वाले सभी पर्यटन स्थल जिसमें नालंदा नगर पंचायत भी शामिल है। पर्यटन के विकास से आजीविका के साधन भी बढ़ेंगे जिससे रोजगार में वृद्धि के साथ-साथ ग्रामीण पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। इस योजना की सहायता से पर्यटन केन्द्र के आसपास स्थित निवास स्थल भी होंगे जिससे होने वाली आय से यहाँ के लोगों के जीवन स्तर में भी सुधार होगा। शोध-पत्र लेखन में प्राथमिक व द्वितीयक आँकड़ों का प्रयोग किया गया है जिसको शोधकर्ता द्वारा अध्ययन क्षेत्र के भ्रमण से प्राप्त किया गया है। आँकड़ों के विश्लेषण द्वारा यह बताने का प्रयास किया गया है कि आजीविका विविधीकरण के अन्य साधनों में कितनी जनसंख्या संलग्न है। शोध-पत्र के अंत में निवासियों को आजीविका विविधीकरण को व्यवहार में लाने के लिए प्रोत्साहित करने हेतु इसके लाभ पर चर्चा की गई है। साथ ही पर्यटन विकास की राह में आने वाली समस्या को भी बताया गया है।

DOI: 10.22271/27067483.2025.v7.i7a.379

Pages: 13-15 | Views: 457 | Downloads: 113

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International Journal of Geography, Geology and Environment
How to cite this article:
सुनीता कुमारी, अनुपम कुमार सिंह. पर्यटन तथा आजीविका विविधीकरणः नालंदा नगर पंचायत के संदर्भ में. Int J Geogr Geol Environ 2025;7(7):13-15. DOI: 10.22271/27067483.2025.v7.i7a.379
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