"International Journal of Geography, Geology and Environment"
2022, Vol. 4, Issue 2, Part B
कृषि कारक के रूप मे प्रयुक्त मृदा संसाधन के निर्माण मे सहायक कारको एवं इसके संघटक तत्वो का विश्लेषणात्मक अध्ययन
Author(s): Dr. Poonam Saini
Abstract:
कृषि एक असमाप्य तथा अक्षय संसाधन हैं। इसके अन्तर्गत प्राकृतिक क्रियाओं से सम्बन्धित संसाधन जैसे जल, सौर शक्ति, पवन शक्ति, मृदा, वनस्पतियों के अलावा प्रजननरत जैव साधनो को सम्मिलित कीया जाता हैं। यद्यपि किसी भी संसाधन को अक्षय मानना वर्तमान काल में भ्रामक हैं क्योंकि समय के साथ जो तकनीकी प्रगति हो रही हैं उसका दुष्प्रभाव अनेक नवीनीकरणीय संसाधनों को नष्ट कर रहा हैं। यह नवीन तकनीक का ही परिणाम हैं कि खाद्यान्नों की बढ़ती मांग को संतुष्ट करने के लिए कृषि कार्यो में विभिन्न प्रकार के फर्टिलाइजर्स तथा संकरित बीजो का उपयोग हो रहा है। इसके अलावा कृषि क्षेत्र को बढ़ाया जा रहा हैं जिसके लिए प्राकृतिक वनस्पति का निर्दयता से शोषण किया जा रहा हैं। परिणामतः क्षेत्र वनस्पति विहीन हो रहे हैं। तथा विलुप्त होते वन क्षेत्रो के साथ ही अनेक वन्य जीवों की प्रजातियाँ लुप्त हो रही हैं। मिट्टी की संरचना इस तरह की है कि उसमें कीट आसानी से पनप जाते हैं। ये कीट फसलों की जड़ो में पहुँचकर उसको नष्ट कर देते हैं। जिससे पादप रोग ग्रस्त हो जाता हैं। अतः फसलों को कीटों के प्रकोप से बचाने के लिए कीटनाशी रसायनों का प्रयोग करते हैं। ये जहरीले रसायन न केवल हमारे शरीर में पहुँचकर हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को कम करते हैं अपितु भूमि में उपस्थित उपयोगी सूक्ष्मजीवों को नष्ट करके मृदा की उर्वरक शक्ति को कमजोर करते हैं। ऐसी मृदा में उत्पन होने वाली खाद्य सामग्री में उन सभी पौष्टिक तत्वो का अभाव होता हैं जो हमारे शरीर को स्वस्थ रखने के लिये आवश्यक होते हैं।
Dr. Poonam Saini. कृषि कारक के रूप मे प्रयुक्त मृदा संसाधन के निर्माण मे सहायक कारको एवं इसके संघटक तत्वो का विश्लेषणात्मक अध्ययन. Int J Geogr Geol Environ 2022;4(2):141-146. DOI: 10.22271/27067483.2022.v4.i2b.127