"International Journal of Geography, Geology and Environment"
2025, Vol. 7, Issue 10, Part A
अलवर जिले में सतत कृषि के लिए एकीकृत कृषि प्रणाली की भूमिका
Author(s): अरविन्द कुमार, भगवान सिंह सैनी, धीर सिंह शेखावत
Abstract: अलवर जिला राजस्थान के उत्तरी -पूर्वी भाग में उप -आद्र जलवायु में स्थित प्रमुख कृषि क्षेत्र है।हाल ही के कुछ वर्षो में जलवायु परिवर्तन, गिरता भूमिगत जल स्तर मृदा उर्वरता में कमी जैसी समस्याएं पारंपरिक कृषि से किसानों का मोह भंग कर रही है ऐसी स्थिति में एकीकृत कृषि प्रणाली एक अच्छा विकल्प हो सकती है । एकीकृत/समेकित कृषि प्रणाली में फसल, पशुपालन, बागवानी, मुर्गी पालन, मधुमक्खी पालन, वर्मी कंपोस्ट तथा मत्स्य पालन जैसे विविध कार्यों को समाहित किया जाता है इस शोध में अलवर जिले के विभिन्न क्षेत्रों में IFS के प्रयोग और उपयोगिता, किसानों पर इसके सामाजिक-आर्थिक प्रभाव तथा सतत कृषि विकास में एकीकृत कृषि प्रणाली की भूमिका का अध्ययन किया गया हैं। शोध के अध्ययन से स्पष्ट होता है कि IFS अपनाने वाले किसानों की आय में वृद्धि, रोजगार में वृद्धि तथा संसाधनों का अधिकतम उपयोग हो रहा है। यह कृषि प्रणाली न केवल पर्यावरणीय दृष्टि से उपयोगी है बल्कि आर्थिक सामाजिक रूप से भी लाभकारी है। यह कृषि प्रणाली सतत कृषि विकास को प्रोत्साहित करती है शोध में पारंपरिक कृषि तथा एकीकृत कृषि प्रणाली का तुलनात्मक रूप से अध्ययन किया गया है। IFS में आने वाली समस्याएं आवश्यक कार्य योजना एवं नीतिगत सुझाव भी प्रस्तुत किए गए हैं जो कृषि विकास में आगामी समय में काफी उपयोगी साबित हो सकते हैं।
अरविन्द कुमार, भगवान सिंह सैनी, धीर सिंह शेखावत. अलवर जिले में सतत कृषि के लिए एकीकृत कृषि प्रणाली की भूमिका. Int J Geogr Geol Environ 2025;7(10):01-06. DOI: 10.22271/27067483.2025.v7.i10a.422