दरभंगा जिले में भूमि उपयोग एवं कृषि क्षेत्र का भौगोलिक विश्लेषण
Author(s): भवेश कुमार, अनुपम कुमार सिंह
Abstract: यह शोध पत्र बिहार के उत्तरी भाग में स्थित मिथिला क्षेत्र के कृषि प्रधान दरभंगा जिले में भूमि उपयोग और कृषि पैटर्न का एक व्यापक भौगोलिक विश्लेषण प्रस्तुत करता है। द्वितीयक आंकड़ों और भू-स्थानिक आंकड़ो का उपयोग करते हुए, यह शोध पत्र 18 प्रशासनिक ब्लॉकों में स्थानिक गतिशीलता को स्पष्ट करता है, जिसमें भूमि उपयोग श्रेणियों का मानचित्रण, फसल तीव्रता का विश्लेषण और ब्लॉक-वार कृषि वितरण का मूल्यांकन शामिल है। भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय के रिपोर्ट के अनुसार जिले के 2,504 वर्ग किमी क्षेत्र का लगभग 69 % शुद्ध बोया गया कृषि क्षेत्र है, जिसमें 148 % की समान फसल तीव्रता है, जो उपजाऊ जलोढ़ मिट्टी और मानसूनी सिंचाई द्वारा समर्थित है। हालांकि क्षेत्र में बार-बार आने वाली बाढ़, शहरी अतिक्रमण और आर्द्रभूमियों का क्षरण जैसी चुनौतियां मौजूद हैं। प्रमुख ब्लॉक जैसे बहेरी, सिंहवाड़ा और दरभंगा में कृषि विस्तार क्षेत्र अधिक है, जबकि बाढ़-प्रभावित क्षेत्रों जैसे किरतपुर, कुशेश्वर अस्थान (पूर्वी) में खेती काफी सीमित है। यह शोध पत्र भूमि उपयोग में महत्वपूर्ण परिवर्तनों की पहचान करता है, जिसमें बढ़ते निर्मित क्षेत्र और घटते जल निकाय शामिल हैं, जो स्थिरता की समस्याएं को जन्म देते हैं। वन आवरण की अनुपस्थिति और न्यूनतम बंजर भूमि भूमि संसाधनों पर पारिस्थितिक दबाव को और अधिक उजागर करती है। स्थानिक असमानताओं और कृषि-आर्थिक कमजोरियों पर जोर देते हुए, यह शोध पत्र एकीकृत भूमि प्रबंधन रणनीतियों, जलवायु-प्रतिरोधी प्रथाओं को बढ़ावा देने और GIS आधारित निगरानी के उपयोग की सिफारिश करता है। ये हस्तक्षेप बिहार के सबसे घनी आबादी वाले और कृषि-गहन जिलों में से एक में ग्रामीण आजीविका और स्थायी भूमि उपयोग के बीच संतुलन बनाए रखने के लिए आवश्यक हैं।
DOI: 10.22271/27067483.2025.v7.i8a.389Pages: 15-19 | Views: 282 | Downloads: 74Download Full Article: Click Here
How to cite this article:
भवेश कुमार, अनुपम कुमार सिंह.
दरभंगा जिले में भूमि उपयोग एवं कृषि क्षेत्र का भौगोलिक विश्लेषण. Int J Geogr Geol Environ 2025;7(8):15-19. DOI:
10.22271/27067483.2025.v7.i8a.389